निष्फल धूर्तों के प्रपंच करें साकार करें मंगल सपने। निष्फल धूर्तों के प्रपंच करें साकार करें मंगल सपने।
यह ज़िन्दगी यह ज़िन्दगी
कोई भूलता ही नहीं और किसी को याद ही नहीं आती ! कोई भूलता ही नहीं और किसी को याद ही नहीं आती !
आज बाबू जी को खीर खाने का मन था, लेकिन दूध का इंतजाम हो न पाया। माँ की भी साड़ी थी, आज बाबू जी को खीर खाने का मन था, लेकिन दूध का इंतजाम हो न पाया। माँ ...
जिसके जीवन में स्वप्न नहीं उसका जीवन कैसा होता होगा वह भी तो कुछ चाहता होगा। जिसके जीवन में स्वप्न नहीं उसका जीवन कैसा होता होगा वह भी तो कुछ चाहता होगा...
काली अंधेरी रात की भेंट मैं चढ़ गया। काली अंधेरी रात की भेंट मैं चढ़ गया।